देश के सबसे बड़े राज्य के मुखिया होकर आप इस तरह की बात करते हैं कि “किसानों के हितों को देखते हुए शराबबंदी लागू करना उचित नहीं होगा” l मैं पूछती हूँ तब आपका किसानों के प्रति हित कहाँ चला जाता है जब किसान सूखे की चपेट में आकर आत्महत्याए कर लेते हैं l क्या आप नहीं जानते, कि पहले गांवों में एक आध व्यक्ति के शाराब पीने से समाज में उन्हें बहुत ही हेय दृष्टि से देखा जाता था, लेकिन आज यह बीमारी घर घर तक पहुँच अपना साम्राज्य स्थापित कर चुकी है जिस बजह से समाज में अपराध बड़ रहे हैं l इस जहर ने परिवार के परिवार बर्बाद कर दिये हैं | मैंने देखा है अपनी इन्हीं आखों से, रोज कमाकर खाने वाले उन मजदूरों को, जो दिन भर की मेहनत शराब में डुबो, किसी सड़क के किनारे पड़े रहते हैं l एक निम्नवर्गीय परिवार और मध्यमवर्गीय परिवार भी अपनी मेहनत की कमाई शराब में उड़ा देता है, उनकी पत्नियाँ अपने बच्चों का पेट काटकर स्कूलों की फीस भरतीं हैं l कितना कष्ट सहकर महिलाये अपने बच्चों को पढ़ातीं है l कभी रात मुंह अधेरे सडक पर निकलिए l और सुनिए उन घरों से मारखाकर बिलखने वाली उन महिलाओं की आवाजों को, जो शराबी पति द्वारा प्रताड़ना झेलतीं है l कहने को आप उत्तर प्रदेश के मालिक हैं, लेकिन कभी क्या आपने अपनी जनता के दुखों को महसूस किया है l अखिलेश जी आपको ये जानकारी होनी चाहिये, कि शराब से सबसे अधिक प्रभावित निम्न वर्ग हो रहा है, इससे बड़ी विडम्बना क्या हो सकती है कि जिस पैसे को परिवार की शिक्षा, अच्छे खान-पान, रहन सहन व पारिवारिक प्रगति पर खर्च किया जाना चाहिए उसे लोग शराब पर खर्च कर रहे हैं | अखिलेश जी जब बिहार जैसा आर्थिक रूप से अपेक्षाकृत कम संपन्न राज्य शराब से मिलने वाले राजस्व की चिंता छोड़कर उसपर प्रतिबन्ध लगाने की हिम्मत दिखा सकता है तो आपकी सरकार क्यों नहीं दिखा सकती ? जबकि बिहार से तो उत्तर प्रदेश अत्यधिक संपन्न राज्य की श्रेणी में आता है l इस मामले में तो आपकी सरकार को अन्य राज्यों की जगह सबसे आगे आकर कदम उठाने चाहिए l मैं पूंछती हूँ कि आखिर राज्य से मिलने वाले उस राजस्व का क्या लाभ जो न केवल जनता की सेहत बल्कि अन्य तमाम नुकसानों की कीमत पर मिलता हो l देश की आजादी के बाद देश में शराब की समस्या से समाज को मुक्ति दिलाने के लिए संघर्ष समिती के द्वारा दूसरी आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही है | एक न एक दिन आपकी सरकार को भी अंग्रेजों की भांति इस मसले को हल करना ही पड़ेगा l अगर आपको प्रदेश का हित समझ में आता, तो आपको अविलंब पूरे प्रदेश में शराब बंदी लागू कर देनी चाहिए थी | सुनीता दोहरे प्रबंध सम्पादक इण्डियन हेल्पलाइन न्यूज़
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