कश्मीर पर जब भी मुसीबत आई है भारतीय सेना ने ही साथ दिया है रात दिन राहत के काम में लगी सेना और एनडीआरएफ की टीम ने हजारों लोगों को बचाया है फिर भी यहाँ की आवाम पाकिस्तान का गुणगान करती है ! जम्मू कश्मीर में पिछले 60 साल का सबसे भयावह कुदरती कहर टूटा है चिनाब, झेलम सहित लगभग सभी नदियां में पानी बेहद बढ़ जाने से बाढ़ ने और भयंकर रूप ले लिया। पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले कश्मीरी, राष्ट्रगीत पर प्रतिबंध लगाने वाले कश्मीरी, भारतीय सैनिको की हत्या करने वाले, उग्रवादियों को पनाह देने वाले कश्मीरीयों की दहलीज पर आज जब मौत पांव पसार कर खड़ी है तो गजवा ए हिन्द की रट लगाने वाला हाफिज सईद उन्हें बचाने का कोई प्रबंध क्यों नहीं कर रहा। इन हालातों को देखकर जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी और हुर्रियत के नेताओं को शर्म क्यों नहीं आती, जबकि आज पूरा प्रदेश डूब रहा है और ये सब गायब हैं ! अब अगर इतनी भारी मुसीबत के चलते भी अगर इन नेताओं के मूर्ख समर्थकों की आंखें ना खुलें तो फिर इनका भगवान ही मालिक है ! कश्मीर के वाशिंदों को ये समझना चाहिए कि कौन है उनके साथ ? भारत सरकार या अलगाववादी ! जिस सेना को ये पानी पी पी कर कोसते है, वो इन चन्द दिनों में 22,000 से ज्यादा लोगो की जान बचा चुकी है कश्मीरिओ को पूछना चाहिए कहाँ है यासीन और बाकि के सब, जो खुद को ही नेता मानते है, कितने लोगो को बचाया उन्होंने ? कितनो को शरण दी ? कितनो को खाना दिया ? क्या कोई मीडिआ वाला पूछेगा उनसे ? और कितनी मदद पाकिस्तान दे रहा है जिसकी जिंदाबाद करते है कुछ लोग ? अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर मसीहा के रूप में बाढ़ में फंसे लोगो को बचा रहे है तो वो केवल भारतीय सैनिक है। अलगाववादी सोच के नुमाइन्दो के मुंह पर यह मानवता का जोरदार तमाचा साबित हो रहा है इस अभियान से जुड़े वे सभी सैनिक असैनिक जो जान जोखिम मे डाल इस आपदा से पीड़ितों को उबार रहे है !!! जिस भारतीय सेना को हिकारत और नफरत की नज़रो से अलगाववादी सोचो के समर्थक देखते थे आज उन्हे सेना किसी फ़रिश्ते से कम नज़र नही आ रही ! सारा देश इन जवानो के जज्बे को सलाम कर रहा है….. सरकार ने बाढ़ सहायता मुहैया कराने मे जो तत्परता दिखाई है, उसकी सर्वत्र सराहना हो रही है, हमे अपने जवानों पर नाज है कि वे देश के दुश्मनों को तो धूल चटाते ही है साथ ही देश की आपदा में भी डटकर अपना कर्तव्य निभाते है !……… आई मुसीबत कश्मीर की धरती पर कहाँ हैं अलगाववादी, चंहु और मची है त्राहि-त्राहि, दिखे है बस पानी ही पानी !! अब कहाँ हुर्रियत गयी, कहाँ पर बैठा है छुपा, गिलानी जिस सेना को पानी पी-पी कर कोसा करते थे, उस सेना ने लगा दी, अपनी जान की बाजी बनी है सेना आज मसीहा इन जवानो के जज्बे को सलाम ! ……
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