वेस्टर्न रेलवे ने तत्काल टिकट में पहले 25 यात्रियों को टिकट बुक कराने के लिए नई योजना बनाई है। ये स्कीम वेस्टर्न रेलवे के मुंबई डिवीजन में लागू की जाएगी और पहले 25 व्यक्तियों को इसका लाभ मिलेगा। इस नई स्कीम के तहत तत्काल टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को एक दिन पहले 12 बजे से संबंधित आरक्षण केंद्र पर स्टेशन मास्टर के पास अपना नाम, पूरा पता, टेलिफोन नंबर तथा हस्ताक्षर करके खुद को रजिस्टर कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के वक्त आवेदनकर्ता को अपने पहचान पत्र की एक सेल्फ अटेस्टेड कॉपी भी देनी होगी। रजिस्टर कराने वाले व्यक्ति दूसरे दिन 8 बजे आकर अपना तत्काल टिकट बुक करा सकते हैं। रेलवे के अनुसार ‘पहले आओ-पहले पाओ’ की तर्ज पर नाम रजिस्टर कराने वाले 25 व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन इसके साथ ही सेल्फ तत्काल विंडो जारी रहेगी पिछले साल दिसंबर में वेस्टर्न रेलवे ने ‘सेल्फ तत्काल काउंटर’ शुरू किए थे, जिन्हें यथावत रखा जाएगा। इस स्कीम के तहत व्यक्ति अपनी स्वयं की यात्रा हेतु अथवा अपने साथ यात्रा कर रहे यात्रियों हेतु तत्काल टिकट बुक करा सकता है। वर्तमान में चर्चगेट-विरार के बीच ऐसे 43 काउंटर हैं, भविष्य में जिनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। ये काउंटर सुबह 10 बजे से 10:30 बजे तक खुले रहते हैं। इसके अतिरिक्त महिलाओं के लिए भी एक-एक अतिरिक्त सेल्फ तत्काल टिकट बुकिंग काउंटर चर्चगेट, मुंबई सेंट्रल, अंधेरी, बोरिवली एवं सूरत स्टेशनों पर उपलब्ध कराए गए हैं, जहां केवल महिलाएं स्वयं की यात्रा अथवा यात्रा कर रहे यात्रियों में स्वयं भी शामिल होने की स्थिति में तत्काल टिकट बुक करा सकती हैं। इन काउंटरों से स्वयं हेतु तत्काल टिकट बुक कराने वाले को अपने मूल पहचान पत्र के साथ पहचान पत्र की सेल्फ अटेस्टेड कॉपी देनी पड़ती है। देखा जाए तो यह स्कीम भी रेलवे की दूसरी स्कीमों की तरह फ्लॉप ही रहेगी इसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइश सबसे ज्यादा है लोग वहां पहुंचेंगे, तब पता चलेगा कि 25 की सूची पूरी हो चुकी है क्योंकि सर्वाधिक अपराध और भ्रष्टाचार रेलवे में है जिसे किसी भी उपाय से रोका नही जा सकता तत्काल टिकट के लिये एक दिन पहले रेजिस्ट्रेशन का सीधा मतलब है आम आदमी को टिकट का ना मिलना क्योंकि सभी फार्म दो दिन पहले ही दलाल कर्मचारियों के यहाँ जमा कर देंगे आम यात्रियों को जवाब मिल जायेगा–पहले आओ पहले पाओ के तहत टिकट खत्म हो गये हैं ! इस स्कीम का आम आदमी को कोई फायदा नही मिलेगा सबसे पहले तो रेलवे के काउंटर क्लर्क जो की दलालो से मिला होता है और हर जगह ये सबसे पहले दलालो को ही टिकिट बुक करता है चाहे आम आदमी रात से ही लाइन मे क्यों ना लगा हो जब तक रेलवे इन भ्रष्ट क्लर्कों को नही जेल मे डालेगी इनकी सभी स्कीम ये लोग फेल कर देगे और इस स्कीम मे तो पहले 25 टिकिट दलालो के फिक्स हो ही गये है क्योंकि स्टेशन मास्टर को कोई उपरी कमाई नही हो रही थी और सारी मलाई दूसरा स्टाफ ही खा रहा था रेलवे ने इनकी भी मांग मान ली और उपरी कमाई का रास्ता खोल दिया है जनता को लूटने के एक नए तरीके के साथ भ्रष्टाचार फैलाने का नया तरीका इजाद किया गया है देखा जाए तो मूल समस्या रेलगाड़ियों की कम सँख्या है, रेलगाड़ियों की सँख्या या फेरे बढें तो समस्या हल हो लेकिन रेलगाड़ियाँ बढें तो कैसे ? पटरियों की क्षमता से अधिक रेलगाड़ियाँ तो अभी ही उसपर चलाई जा रही हैं देश में आबादी का इतना बड़ा बोझ है कि आरक्षण के सभी नियम असफल से प्रतीत होते हैं देखा जाए तो सामाजिक एवं अन्य कारणों से हमारे यहाँ यात्रा का कुछ खास सीज़न होता है उस समय हमारे सभी नियम-क़ानून धरे के धरे रह जाते हैं | समाधन तो यह है की पटरियाँ बढें जो कि बेहद खर्चीला एवं दीर्घकालिक योजना है और हमारी लेट लतीफ़ी और घटिया राजनीति के करण कुछ भी समय पर हासिल करना मुश्किल है | सुनीता दोहरे …
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