Menu
blogid : 12009 postid : 730993

आज अपने साए से लिपट के कोई रोया होगा…

sach ka aaina
sach ka aaina
  • 221 Posts
  • 935 Comments

सुनीता दोहरे प्रबंध सम्पादक

आज अपने साए से लिपट के कोई रोया होगा…..

फिर कसक उठी सीने में, वहमों गुमां लिए हुए !
लगता है कि आज फिर कोई जी भरके रोया होगा !!

मुद्दतें हो गई उन्हें खुद को मेरी आँखों में सँवारे हुए !
लगता है बाद मुद्दत के दागों को उसने धोया होगा !!

एक अजब सनसनाहट है इन बहकती हुई सी हवाओं में !
लगता है तड़फ के दुआओं में उसने मुझको माँगा होगा !!

हुई आँख नम कि आसुओं के गम, दम तोड़ चुके !
कि आज खुद के साए से लिपट के कोई रोया होगा !!

मेरे इश्क का चैन लूटके बेरंग शमां सिहर गया !
कि आज शाम उल्फत के बसेरे में कोई तरसा होगा !!

याद आते-जाते भी अब आने का नाम न लेती !
कि आज उसकी हिचकियों ने भी दम तोड़ा होगा !!

ये दीवानगी है मेरी, ये ख्वाब है मेरा या हकीकत है कोई !
कि आज मेरी धड़कन से अलग जाके वो फिर तनहा होगा !!


मैं घड़ी भर के लिए, ये मान भी लूँ कि तू अब भी मेरा है !
पर यकीं कैसे करूँ, कि तूने गैर के लिए दामन बिछाया न होगा !!….

सुनीता दोहरे …….

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply