जेडी(यू)-बीजेपी का गठबंधन कभी भी टूटकर बिखर सकता है ….
sach ka aaina
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जेडी(यू)-बीजेपी का गठबंधन कभी भी टूटकर बिखर सकता है ….
बॉक्स… नीतीश के सियासी अंदाज को करीब से जानने वालों का कहना है कि उन्होंने बीजेपी से अगल होने का मन बना लिया है………..
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने से नाराज नीतीश कुमार ने पार्टी के सीनियर नेताओं से एनडीए में बने रहने पर विचार विमर्श शुरू कर दिया है. जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि भाजपा का साथ अब कुछ ही दिनों का बचा है और वहीँ दूसरी तरफ बीजेपी ने भी साफ कर दिया है कि वह बिहार में अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. बिहार में बीजेपी के सबसे ताकतवर नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी कहा है कि पार्टी बिहार में हर परिस्थिति में चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अगला लोकसभा का चुनाव पार्टी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ेगी और अभूतपूर्व सफलता हासिल करके केंद्र में सरकार बनाएगी. नीतीश के सियासी अंदाज को करीब से जानने वालों का कहना है कि उन्होंने बीजेपी से अगल होने का मन बना लिया है। वह इसकी घोषणा किसी भी वक्त कर सकते हैं. 23 जून को राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह पटना आ रहे हैं। वहां पार्टी के ब्लॉक स्तर के कार्यकर्ताओं की बैठक होने वाली है. देखा जाये तो मोदी ने गुजरात में जिस तरह आर्थिक विकास के साथ साथ बेहतर शासन का मॉडल पेश किया है उससे युवाओं में मोदी से काफी उम्मीदें हैं और इसमें कुछ गलत भी नहीं है. आज देश का युवा भविष्य की ओर देख रहा है उसे बीते अतीत से कोई लेना देना नहीं। आज मोदी विकास का चेहरा हैं और देश विदेश में उनकी स्वीकृति दिनोंदिन बढ़ रही है और इस तथ्य से कोई इन्कार नहीं कर सकता. फिर भी अब हालत उलटते हुए नरेंद्र मोदी के मसले पर नीतीश कुमार के सख्त रवैये को लेकर जेडी (यू) से बगावत के सुर सुनाई पड़ने लगे हैं। जेडी(यू) विधायक छेदी पासवान ने कहा कि बीजेपी-जेडी(यू) का रिश्ता टूटेगा, तो इसका बीजेपी से अधिक जेडी(यू) पर असर पड़ेगा। उन्होंने नीतीश से सवाल किया कि बीजेपी से उस समय क्यों नहीं नाता तोड़ लिया था, जब गोधरा कांड हुआ था। पासवान ने कहा, ‘नीतीश कुमार तब रेल मंत्री बने रहे और अब दिखाई दिया है कि नरेंद्र मोदी दंगाई हैं। वह आज नरेंद्र मोदी का विरोध केवल अल्पसंख्यकों को अपनी तरफ करने के लिए कर रहे हैं। बिहार को विशेष दर्जा दिलाने की मुहिम उन्होंने तब क्यों नहीं छेड़ी थी, जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे?’ ये बात भी अपनी जगह सच है अगर नीतीश को मोदी से इतना है ऐतराज था तो दंगो के वक्त वो भाजपा के साथ क्यो थे. वैसे भी राजनीति में मौकापरस्त लोगों की कमी नहीं है. नीतीश कुमार ने कोई नया काम करने की बात नहीं कही. सत्ता पाने के लिये नेता किसी को भी छोड़ सकते हैं. राजनीति में कोई किसी का नहीं होता है. भाजपा से अलग रह कर जेडीयू को केन्द्र में तो कुछ नहीं ही मिलेगा, हा, यह हो सकता है कि अगले चुनाव में बिहार भी हाथ से निकल जाये. छोटे दलों से समझौता करके चुनाव लड़ने से छत्रप बढे है और रास्ट्रीय स्तर की पार्टियाँ कमजोर हुई हैं. छत्रप देश से उपर अपना और अपनी पार्टी का स्वार्थ देखते हैं. भाजपा को चाहिए कि अब और समझौते ना करे. अभी पिछले दिनों की बात है मैं ट्रेन में सफ़र कर रही थी उस दौरान राजनीति पर चर्चा बड़े जोरों पर थी और निशाना थे मोदी. मुझसे भी कुछ सवाल जवाब होने लगे. इसी दौरान मैंने भी एक दो प्रश्न जनता पर उछाल दिए. मैंने पूछा क्या मोदी में कोई ऐसी खूबी है जो मोदी के हांथों में देश की बागडोर दे दी जाए ? तुरंत एक महाशय उठकर खड़े हो गये और बोले इसका जवाब मैं दूंगा उन्होंने कहा कि गुजरात हमेशा विकास की वजह से ही सुर्खियो मे रहा है. मोदी के खिलाफ आजतक एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नही लगा है, गुजरात मे दस सालो मे एक भी दंगा नही हुआ है, तो फिर क्या ऐसे व्यक्ति को प्रधान मंत्री बनाना गलत होगा. जो मोदी के हांथों में देश की बागडोर न देने कि सोचे ऐसी सोच तो सिर्फ बेवकूफ और गद्दार की ही हो सकती है. अगर मान भी लिया जाये की मोदी का दंगो मे हाथ था तो फिर दस सालो मे मुसलमानो पर गुजरात मे दंगे क्यो नही हुए ? क्यो मुसलमानो को परेशान नही किया गया और लोग एह कैसे सोच रहे है कि मोदी के आते ही सारे मुसलमानो को भागा दिया जायेगा या फिर पीड़ित किया जायेगा, देश का कानून सोया नही है और मुसलमानो की जनसंख्या भी कम नही है. जो लोग मोदी के खिलाफ है गुजारिश है एक बार दूसरे को मौका दे, कांग्रेस को हम 65 साल तक देख चुके है. भारत की हालत काफी खराब हो चुकी है हमे जल्दी ही एक विकल्प देना होगा. एक बात सीधे से आप लोग समझ लीजिये कि मोदी से गुजरात में या देश में रहने वाले मुसलमान नफरत करते होते तो अभी हालिया नगर निगम के चुनावों में जामनगर ज़िले के सलाया कस्बा से, जिस की 90 प्रतिशत से ज्यादा आबादी मुसलमानो की है, में 100% सीटें भाजपा ने जीतीं. गोधरा के मुस्लिम बहुल क्षेत्र पोलन बाज़ार के लोगों ने अपने घरों को रोशनी से प्रज्वलित कर हाथों हैं तिरंगा पकड, गणतंत्र दिवस के दिन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया. पूरा डिब्बा एकदम शांत होकर उन महाशय की बात सुन रहा था. क्योंकि उनकी हर बात में सच्चाई थी. अचानक एक छोटी सी बच्ची की आवाज आई जो कि भीख मांग कर पेट भरती थी बोली वो दाढ़ी वाले बाबा मोदी टीवी में दिखते हैं वो पूरे देश के पापा बन जायेंगे तो मुझे भी स्कूल जाने को मिलेगा. उस बच्ची कि बात सुनकर सबको रोना आ गया. बहुत ही बोझिल माहौल हो गया था. मैंने इस तरह के कई वाक्यात देखे है कि मोदी की तरफ जनता आस लगाकर देख रही है मैं मोदी की सपोटर नही पर सच लिखने का हक मुझे भी है. देखा जाए तो निश्चित रूप से नीतीश को कांग्रेस कुछ बड़ा फायदा पंहुचाने वाली है इस समय देश में घोटालों को लेकर कांग्रेस के विरोध में लहर है इसी की काट के लिये कांग्रेस ने जो प्रलोभन दिया होगा, उस में नीतीश की पार्टी आ गयी. आने वाले समय में इस सौदेबाजी का भी खुलासा होगा . बीजेपी के साथ के ही करण बिहार में नीतीश दो बार सत्ता में आये, गठबंधन तोड़ने से दोनो पार्टियों को नुकसान होगा, जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को अगले चुनाव में हो सकता है. वैसे देश हित की बजाय अगर स्वयं हित की राजनीति होती रही तो देश को मिटाने के लिये दुश्मनो की जरूरत नहीं पड़ेगी. दोस्त बनकर ही लोग वह कुछ कर डालेंगे जो एक सैकड़ा “100” दुश्मन भी मिलकर नहीं कर सकते है. बिहार के नायक जैसे दोस्त अगर अंग्रेजो को मिल जाते तो देश 2047 तक भी नहीं आज़ाद होता. वैसे नीतीश जी वो जमाना अब चला गया जब मूर्ख अपने पाव मे कुलाहडी मार लिया करते थे…………….. सुनीता दोहरे…...
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