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यूपी में बीजेपी वंशवाद, क्या भाजपा के अंदरूनी बिखराव को जोड़ पायेगा…

sach ka aaina
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बॉक्स….. नेता-पुत्रों को मिली प्रदेश कार्यकारिणी में जगह, कांग्रेस पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाने वाली भाजपा में भी ‘वंशवाद’ का जोर लगातार बल पकड़ रहा है………….
अभी पिछले माह राजनाथ सिंह के भाजपा अध्यक्ष बनने के उपरान्त उनके निर्देश पर उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने शनिवार को आखिरकार उत्तर-प्रदेश की जर-जर हो चुकी प्रदेश ईकाई में रंगाई-पुताई कर भारी बदलाव के साथ २०१४ के होने वाले चुनाव के लिए राजनीति के बाजार में उतार दिया. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने शनिवार को प्रदेश पदाधिकारियों, कार्यसमिति सदस्यों और चार मोर्चे के अध्यक्षों की घोषणा कर दी है. कांग्रेस पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाने वाली भाजपा में भी ‘वंशवाद’ का जोर लगातार बल पकड़ रहा है. क्योंकि इसका सबसे ताजा उदाहरण उत्तर-प्रदेश की इकाई में देखने को मिला है. भाजपा की प्रदेश इकाई में कुछ बड़े नेताओं के बेटों को जगह देकर उन्हें खुश करने की कोशिश की गई है. वहीँ दूसरी ओर संगठन में एक दूसरे के धुर विरोधी नेताओं के सुपुत्रों को उत्तर-प्रदेश इकाई में स्थान देकर भविष्य में पार्टी के अन्दर होने वाली वर्चस्व की लड़ाई को रोकने का असफल प्रयास किया गया है.
पंकज सिंह (सुपुत्र भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह) को यूपी बीजेपी का प्रदेश महामंत्री बनाया गया है, गोपाल टंडन (सुपुत्र सांसद लालजी टंडन) को यूपी बीजेपी का महामंत्री तथा उनके धुर विरोधी पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के सुपुत्र राजबीर सिंह उर्फ़ राजू भैया को प्रदेश उपाध्यक्ष के खिताब से नवाजा गया है.
प्रवक्ताओं की टीम में प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक को मुख्य प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके अलावा मनोज मिश्र अपनी जगह बचाने में कामयाब रहे हैं. प्रवक्ताओं की टीम में आर.एन. सिंह नया नाम है.
वाजपेयी ने शिव प्रताप शुक्ल, हरिद्वार दूबे, कृष्णा पासवान, सरिता भदौरिया और साध्वी निरंजन ज्योति को भी प्रदेश उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है। इनके अलावा रामनाथ कोविंद, स्वतंत्र देव सिंह, पंकज सिंह और देवेंद्र सिंह चौहान को प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वाजपेयी ने टीम के साथ ही 4 मोर्चों के अध्यक्षों के नामों की भी घोषणा की है. विजय पाल तोमर को किसान मोर्चा, कमलावती सिंह को महिला मोर्चा, राजेंद्र गौड़ को अनूसुचित जाति जनजाति मोर्चा तथा रूमाना सिद्दीकी को अल्पसंख्यक मोर्चा की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
वाजपेयी ने 78 सदस्यीय प्रदेश कार्यसमिति का भी गठन कर दिया है. इसके अलावा पार्टी के 25 वरिष्ठ नेताओं को विशेष आमंत्रित सदस्य मनोनीत किया गया है. कार्यसमिति में 26 स्थाई आमंत्रित सदस्य होंगे इनमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी, राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र, विनय कटियार और मुख्तार अब्बास नकवी, मेनका गांधी, वरुण गांधी और योगी आदित्यनाथ सहित उत्तर प्रदेश से पार्टी के सभी सांसद, चार पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य विधानसभा एवं विधान परिषद में पार्टी के नेता एवं उपनेता शामिल हैं.
देखा जाए तो नई कार्यकारिणी के गठन में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी प्रदेश के बड़े नेताओं के पुत्रों को नई टीम में शामिल करने का दबाव नहीं झेल पाए और उनके चक्रव्यूह में आखिरकार फंस ही गए.
एक रिजल्ट ओरिएंटेड टीम का गठन करेंगे ये बात वाजपेयी टीम की घोषणा से पहले ही कह चुके थे. लेकिन फिर भी उनकी टीम में हारे हुए नेता पुत्रों को ही जगह दी गई जो कई सवाल खडे़ करती है. पार्टी के कुछ नेताओं का कहना था कि वाजपेयी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद मेहनती कार्यकर्ताओं में काफी आस जगी थी लेकिन अन्य प्रदेश अध्यक्षों की तरह वह भी बडे़ नेताओं के दबाव में बिखर गए. उनका कहना है कि जो लोग पिछले चुनावों में सार्वजनिक मंचों से भाजपा को गाली देते थे, उन्हीं लोगों को प्रदेश इकाई में बड़ा ओहदा दे दिया गया है. पिछले दिनों कल्याण सिंह की भाजपा में वापसी भले ही पार्टी को एक बड़ा लाभ दिलाये लेकिन राजनीतिक जानकारों का मत है कि कल्याण सिंह की भाजपा में उपस्थिती पार्टी के अन्दर एक बड़ी दरार को और बड़ा करने का काम करेगी. लेकिन लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बहुत ही सूझ-बुझ के साथ अपनी नई टीम की घोषणा कर सारे गुटों के बीच सामंजस्य बैठाने के साथ-साथ अपनी टीम का गठन कर सभी गुटों को साधने में बहुत हद तक कामयाब रहे, लेकिन उनकी टीम में ‘वंशवाद’ की झलक साफ तौर पर दिखाई दे रही है. यूपी बीजेपी में इस फेरबदल के बाद बीजेपी पर भी वशंवाद के आरोप लग रह हैं…………………..
सुनीता दोहरे …..
लोकजंग-ब्यूरो चीफ उत्तर-प्रदेश
विशेष संवाददाता ”ईएनआई” न्यूज़ एजेंसी

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