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काश हम कवि होते !

sach ka aaina
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काश हम कवि होते !
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तेरी सुरीली आँखों पे गजल लिखते, काश हम कवि होते !
तेरे शाने पे सर रख के रोते, काश हम तेरी मोहब्बत होते !!
तेरे होंठों पे होती खुशी की लरजिश,काश हम तेरी मुस्कराहट होते !
तेरी जुल्फों से झूम के सावन बरसता,काश हम वो घटायें होते !!
तेरी पलकों पे सपने हंसीं बुनते, काश हम शायर होते !
तेरे सीने में जज्ब होते, दर्दे गम के जैसे, काश हम जज्बात होते !!
तेरे कदमों में पड़े रहते, काश हम तेरे संगे रहनुमा होते !
तेरी नजर,मेरी हर नज्म पे होती, काश हम एक मशहूर शायर होते !!
मेरी हर गजल में सिर्फ होती तेरी इबादत, जो खुदा ने वो हुनर दिये होते !
न सांस आती,न सांस जाती, जो किये तेरे दीदार हमने होते !!
कभी तो,मेरी कविता,मेरी नज्म मेरी गजल तुझसे वाह कहलायेगी !……sunita dohare….

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